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Sunday 20 December 2015

mere ehsas tere jazbaatमेरे एहसास तेरे जज़्बात



एहसास और जज़्बात का होना इन्सान की ज़िन्दगी में बेहद ज़रूरी होता है. ये ही होते हैं जो इंसान को इंसान से जोड़ते हैं. उन्हें दोस्त और दुश्मन बनाते हैं.इन्ही के होने से खुबसूरत लम्हों को इंसान जी पता है वरना तो हर पल, हर लम्हा  बेजान सा हो कर गुज़र जाएगा . जज्बाती और एह्सासी लोग छोटी-छोटी बातें छोटे-छोटे बदलाव सब गौर से देखते हैं, महसूस करते हैं. अक्सर जिन लम्हों को लोग नज़रों के सामने होते हुए भी नहीं देख पाते,एहसास और जज़्बात रखने वाले इंसान की निगाह इन लम्हों की गवाह बनती है. अक्सर कोई ख़तरा भी इसी वजह से ये लोग जल्दी से भाँप जाते हैं,क्योंकि हर बदलाव पर इनकी नज़र होती है. इनके एहसास बहोत ताक़तवर होते हैं,इसलिए इनकी ज़िन्दगी में ख़ुशगवार मौक़े बढते हैं. इनमे किसी हुनर का होना तो लाज़मी है ,ये दूसरों के हुनर का भी ज़्यादा से ज़्यादा लुत्फ़ उठाते हैं.ज़ाहिर सी बात है हर रिश्ता एहसास और जज़्बात के साथ ही निभाया जा सकता है.

मै कह देता हूँ दिल के जज़्बात
सुनते तुम धड़कनों से हर बात
आँखों से तुम लेते जुबां का काम
समझता हूँ लेकिन मै हर एहसास
नज़रें बयाँ  कर देती  सारी  बात
वक़्त मै हूँ तुम्हारा,तुम लम्हा मेरा
शामिल एक-दूजे में गुज़र तेरा-मेरा
ख़याल जिन्हें ना मै समझ पाया
यूँ ही उन्हें मैंने तुम्हे  समझाया
ना मिल कर भी मिलने का मज़ा आया
कभी तन्हाई में तसव्वुर जो तेरा आया
जब चाहता आवाज़ तुम्हे देकर बुला लेता
चाहा आज ख़ामोशी का इम्तेहान ले लेता
ख़ामोशी कर दे बयाँ वो अनकहे जज़्बात
लफ्ज़ मेरा  जिन्हें कह शायद ना पाता

2 comments:

  1. i hv jst gone through some of ur poems...its jst speechless...and u r simply amazing....

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