Ads

Sunday 18 January 2015

दर्द हो के हो ख़ुशी, रंज हो के हो हँसी,

                                                                                                                                                                                                  
   
कुछ शख्स इस दुनिया में दो चेहरों के मालिक होते हैं. होते तो कुछ और हैं, दिखावा कुछ और होने का करते हैंअपने फायदे के लिए औरों का नुकसान करने से इन्हें क़तई परहेज़ नहीं होता. किसी के ख़्वाब तोड़ते हैं,किसी के अरमानों की लाश पर अपनी आरज़ूओं के महल बना लेते हैं, किसी का यक़ीन तार-तार कर देते हैं. ये नहीं समझते की दूसरों से ज़्यादा ये ख़ुद के साथ छलावा कर रहे हैं. अपनी ख़ुद की पहचान खो रहे हैं.एक काग़ज़ के टुकड़े होने के बाद जैसी हालत उसकी होती है,वैसे ही ये हो कर रह जाते हैं. ऐसे लोग अपनी पहचान तक खो देते हैं. इन्हें इनका कोई अपना जब दूसरा मौक़ा नहीं देता अपने क़रीब आने का, उन् पर फिर कोई यक़ीन नहीं करता. प्यार, दोस्ती, इज्ज़त और अपनापन सब खो देते हैं. तब शायद अपनी खुदगर्ज़ी पर अफ़सोस करते होंगे. तब तक काफ़ी देर हो चुकी होती है. जब ये तन्हा रह जाते हैं तब इन सब खोए रिश्तों की एहमियत मालूम होती होगी.सहरा में जिस रेत को पानी समझने की भूल की थी. उससे प्यास तो बुझी नहीं अलबत्ता उस कौशिश में जो नुकसान हुआ उसकी कोई भरपाई नहीं होती कभी

दर्द हो के हो ख़ुशी, रंज हो के हो हँसी,


झलक ही जाते हैं,नक़ाब चाहे जैसी हो कसी.

दिल के प्याले से जज़्बात जाते है छलक छलक,

पर्दापौशी कर लें या जितनी चाहे कर लें पर्दादारी.

परदे से छन कर आ जाती है तब धूप की किरन,

तिश्नगी के पीछे भागता है जब मन का हिरन. 

मुसव्विर की ये कौन सी कल्पना है,

ज़िन्दगी की ये कौन सी है मंज़िल.

खामोश शाम हो या बोलती सी हो रात अगर,

लबरेज़ हो जाएँ तो बरस ही जाते हैं बादल.

तशद्दुद हो या दिलों में हो नफ़रत,

हर एक की वजह को लगा कर मरहम.

खुले-खुले और हरे-हरे ज़ख्मों के हरदम,

बाद भरने के भी रह जाते हैं निशान.

निशानियाँ जिगर से लगा कर बैठे हैं,

हो फ़ायदा इनसे या नुक़सान नहीं गरज़.

देख देख इन्हें मगर दिल तो जाते हैं लरज़.

देखते गए रफ्ता-रफ्ता तमाशा हम ये सोच,

इसको अब कहें क़िस्मत या मनाएं अफ़सोस.

कर दिया  अपनों ने जब दिलों का खून,

इसलिए गुम होजाता है कभी-कभी सुकून.




No comments:

Post a Comment